भगंदर (Fistula) एक प्रकार की चिकित्सा स्थिति है जिसमें दो अंगों के बीच खाली जगह बन जाती है। यह आमतौर पर गुदा के आसपास होता है और गुदा ग्रंथि के संक्रमण या फोड़ा के कारण हो सकता है। समय पर उपचार से स्थिति को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है। अगर आपको भगंदर के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। जानिए इसके लक्षण से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से

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 Table of Contents
 

भगंदर क्या है ? (What is Fistula)
भगंदर के लक्षण (Symptoms of Fistula)
भगंदर के प्रकार (Types of Fistula)
भगंदर के कारण (Causes of Fistula)
भगंदर से बचाव (Prevention of Fistula)
भगंदर का इलाज (Treatment of Fistula)
निष्कर्ष (Conclusion)
भगंदर को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर

 

भगंदर क्या है What is Fistula

भगंदर, जिसे फिस्टुला (Fistula) भी कहा जाता है, एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें शरीर के दो अंगों के बीच खाली जगह  बन जाती है। यह सुरंग संक्रमण, सूजन, चोट, या सर्जरी के बाद हो सकती है। भगंदर आमतौर पर गुदा और उसके आसपास के क्षेत्र में होता है, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। गदर का उपचार अक्सर सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग भी किया जा सकता है। समय पर उपचार से स्थिति को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है। यदि आपको भगंदर के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ताकि सही उपचार किया जा सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

 

भगंदर के लक्षण (Symptoms of Fistula)

भगंदर (Fistula) के लक्षण आमतौर पर संक्रमण और सूजन के कारण होते हैं। इन लक्षणों के अनुभव होने पर, उचित चिकित्सा सलाह और उपचार के लिए एक चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। भगंदर का समय पर इलाज न करने पर संक्रमण फैल सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके लक्षण प्रभावित क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • दर्द और सूजन: 
    गुदा या प्रभावित क्षेत्र में लगातार दर्द और सूजन हो सकती है, विशेषकर जब आप बैठते हैं या मल त्याग करते हैं।
     
  • पस का स्राव: 
    गुदा या प्रभावित क्षेत्र से पस या मवाद का स्राव हो सकता है। यह अक्सर त्वचा पर एक छोटा छेद के माध्यम से होता है।
     
  • चुभन और जलन: 
    प्रभावित क्षेत्र में चुभन और जलन महसूस हो सकती है।
     
  • बुखार: 
    संक्रमण के कारण हल्का से मध्यम बुखार हो सकता है।
     
  • त्वचा में परिवर्तन: 
    प्रभावित क्षेत्र की त्वचा में लालिमा, सूजन, और कठोरता हो सकती है।
     
  • मल त्याग में कठिनाई: 
    गुदा फिस्टुला के मामले में, मल त्याग के दौरान दर्द और कठिनाई हो सकती है।
     
  • थकान और कमजोरी: 
    लगातार संक्रमण और दर्द के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।

 

भगंदर के प्रकार (Types of Fistula)

भगंदर, जिसे अंग्रेजी में फिस्टुला कहा जाता है, एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें गुदा क्षेत्र में असामान्य नाली या मार्ग बन जाता है।  इन भगंदरों का निदान और उपचार विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए, जो आमतौर पर सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। भगंदर के विभिन्न प्रकार होते हैं:

  • इंटरस्फिंक्टेरिक फिस्टुला (Intersphincteric Fistula) : 
    यह सबसे सामान्य प्रकार का भगंदर है, जिसमें नली आंतरिक और बाहरी स्फिंक्टर मांसपेशियों के बीच से होकर गुजरती है।
     
  • ट्रांसस्फिंक्टेरिक फिस्टुला (Transsphincteric Fistula) : 
    इसमें नली बाहरी स्फिंक्टर मांसपेशियों को पार करती है और गुदा के बाहर की ओर निकलती है।
     
  • सुप्रास्फिंक्टेरिक फिस्टुला (Suprasphincteric Fistula): 
    यह नली आंतरिक स्फिंक्टर मांसपेशियों के ऊपर से होकर जाती है और बाहरी स्फिंक्टर मांसपेशियों के ऊपर से होकर गुदा के बाहर निकलती है।
     
  • एक्सट्रास्फिंक्टेरिक फिस्टुला (Extrasphincteric Fistula) : 
    इसमें नली आंतों से शुरू होकर स्फिंक्टर मांसपेशियों के बाहर से होती हुई गुदा के बाहर निकलती है। यह सबसे दुर्लभ प्रकार का भगंदर है।
     
  • सुप्रास्फिंक्टेरिक फिस्टुला (Suprasphincteric Fistula): 
    यह नली स्फिंक्टर मांसपेशियों के ऊपर से गुजरती है और पेल्विक क्षेत्र में फैलती है।
     

भगंदर के कारण (Causes of Fistula)

भगंदर (Fistula) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, सूजन, चोट, और अन्य चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं। भगंदर की स्थिति को समझने और उसका उचित इलाज करवाने के लिए चिकित्सा परामर्श आवश्यक है। यदि आपको भगंदर के लक्षण यहां कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

  • गुदा ग्रंथियों का संक्रमण (Anal Gland Infection): 
    गुदा ग्रंथियों में संक्रमण होने पर फोड़ा (abscess) बन सकता है, जो फूटकर भगंदर का रूप ले सकता है।
     
  • गुदा फोड़ा (Anal Abscess): 
    गुदा क्षेत्र में फोड़े होने पर, उसमें मवाद भर सकता है और जब यह फूटता है, तो भगंदर बन सकता है।
     
  • आंत्र रोग (Inflammatory Bowel Disease - IBD): 
    क्रोहन रोग (Crohn's disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) जैसी स्थितियों के कारण आंतों में सूजन और घाव हो सकते हैं, जो फिस्टुला का कारण बन सकते हैं।
     
  • चोट (Trauma): 
    गुदा क्षेत्र में चोट लगने या सर्जरी के बाद भी भगंदर हो सकता है।
     
  • प्रसव (Childbirth): 
    योनि से बच्चे के जन्म के दौरान गुदा और योनि के बीच फिस्टुला हो सकता है, जिसे रैक्टोवेजाइनल फिस्टुला कहते हैं।
     
  • संक्रमण (Infection): 
    कुछ बैक्टीरिया और संक्रमण भी फिस्टुला का कारण बन सकते हैं, जैसे कि तपेदिक (Tuberculosis)।
     
  • विकिरण उपचार (Radiation Therapy): 
    कैंसर के इलाज के लिए विकिरण थेरेपी के बाद भी भगंदर हो सकता है।
     
  • सर्जरी के बाद जटिलताएं (Post-surgical Complications): 
    किसी सर्जरी के बाद भी यदि ठीक से घाव नहीं भरता है या संक्रमण हो जाता है, तो फिस्टुला हो सकता है।


भगंदर से बचाव (Prevention of Fistula)
 

  • स्वस्थ आहार: 
    एक स्वस्थ और पोषण संपन्न आहार खाएं जो आंतिक्रियाओं को सुधारता है और पाचन को सुधारता है। इसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और पर्याप्त पानी शामिल होना चाहिए।
     
  • नियमित व्यायाम: 
    नियमित व्यायाम करना शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है और संक्रमण से बचने में मदद कर सकता है।
     
  • सही हाइजीन: 
    सही हाइजीन के पालन से संक्रमण का खतरा कम होता है। यह गुदा क्षेत्र की साफ़-सफाई, नियमित स्नान, और स्वच्छता को समाहित करता है।
     
  • दवाओं का सही उपयोग: 
    किसी भी दवा को डॉक्टर के परामर्श के बिना न लें। संक्रमण के लक्षणों को ठीक से इलाज करने के लिए उचित दवाइयां लें।
     
  • ड्रेनिंग और सर्जरी: 
    यदि आपको पहले से भगंदर है, तो सलाह लें कि इसे उचित तरीके से ड्रेन किया जाए और उचित सर्जरी द्वारा इलाज किया जाए।
     
  • डॉक्टर के निर्देशानुसार उपचार करें: 
    अगर आपको भगंदर के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और उनके निर्देशानुसार उपचार कराएं। समय रहते उपचार लेने से संक्रमण और दर्द की समस्याओं से बचा जा सकता है।


भगंदर का इलाज (Treatment of Fistula)

भगंदर (Fistula) का इलाज विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके किया जा सकता है, जो इसके स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करता है। भगंदर का उपचार चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो रोगी के लक्षणों, स्थिति के अनुसार और उनके स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। उपचार के पश्चात, नियमित फॉलोअप और सलाह भी महत्वपूर्ण होते हैं ताकि समस्या का पुनरावर्तन न हो। यहां कुछ प्रमुख इलाज विकल्प दिए गए हैं:

  • सर्जरी (Surgery): 
    यह सबसे सामान्य इलाज है जिसमें भगंदर के रसायन (फिस्टुला) को स्थायी रूप से ठीक किया जाता है। सर्जरी में अधिकतर मामलों में भगंदर की फुलड़ी को हटा दिया जाता है और एक संयंत्रित रूप से रखा जाता है ताकि संक्रमण का पुनरावृत्ति न हो।
     
  • केमिकल फिस्टुलोटॉमी (Chemical Fistulotomy): 
    यह एक अल्पकालिक इलाज है जिसमें केमिकल सबस्टेंस का उपयोग किया जाता है जो भगंदर के रसायन को विघटन करने में मदद करता है।
     
  • आयुर्वेदिक उपचार: 
    कुछ लोग आयुर्वेदिक उपचार भी अपनाते हैं जैसे कि औषधि और पर्चायां। इसमें कुछ दवाइयां, रसायन और आमला जैसे पदार्थ शामिल हो सकते हैं।
     
  • आधुनिक तकनीकी उपचार: 
    यह तकनीकी उपचार में लेजर थेरेपी, फिस्टुलोप्लास्टी (Fistuloplasty), और बायोफिल्म का निषेध (Biofilm inhibition) शामिल हो सकते हैं।
     
  • बारीक सर्जरी: 
    कुछ विशेष मामलों में, बारीक सर्जरी तकनीकें भी उपयुक्त हो सकती हैं जो कि भगंदर को ठीक करने में सहायक होती हैं।


नोएडा में फिस्टुला सर्जरी की लागत(Fistula Surgery cost in Noida)

मुंह और गुदा के बीच रस्सियों की स्थिति को फिस्टुला कहा जाता है। इसका इलाज नोएडा में कई अस्पतालों में उपलब्ध है। नोएडा में फिस्टुला सर्जरी की लागत अस्पताल, स्थिति और उपचार के आधार पर निर्भर करती है। मानव शरीर के अनुसार, फिस्टुला का इलाज समय पर और उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए।

भगंदर का इलाज करने के लिए आप एक जनरल सर्जन या प्रोक्टोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के लिए आज ही फ़ोन करें - +91 9667064100.

 

निष्कर्ष (Conclusion)

भगंदर (Anal Fistula) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा के आसपास एक असामान्य मार्ग (ट्रैक) या चैनल बन जाता है जो गुदा और त्वचा के बीच होता है। यह मुख्य रूप से गुदा में संक्रमण के कारण होता है जो कि गुदा के आसपास के ग्रंथियों में उत्पन्न होता है।  भगंदर एक गंभीर और असुविधाजनक स्थिति है जिसमें तुरंत चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इसका उपचार शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के माध्यम से किया जाता है, जो भगंदर को पूरी तरह से ठीक करने का सबसे प्रभावी तरीका है। समय पर निदान और उचित चिकित्सा देखभाल से इस समस्या को नियंत्रित और ठीक किया जा सकता है।


भगंदर को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर (Frequently asked questions and answers about Fistula)
 

प्रश्नः भगंदर क्या है ?
उत्तरः भगंदर एक गुदा क्षेत्र में होने वाला रसायन होता है, जिसमें एक नाली (फिस्टुला) गुदा के अंदर या बाहर की तरफ से होती है।


प्रश्नः  भगंदर के क्या कारण होते हैं ?
उत्तरः भगंदर के कारण समान्य रूप से गुदा ग्रंथियों में संक्रमण, गुदा फोड़ा, आंत्र रोग, योनि से प्रसव, चोट, या विकिरण थेरेपी शामिल हो सकते हैं।


प्रश्नः  भगंदर के लक्षण क्या होते हैं ?
उत्तरः  भगंदर के लक्षण में गुदा क्षेत्र में दर्द, सूजन, पस या मवाद का स्राव, चुभन और जलन, बुखार, और त्वचा में परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।


प्रश्नः भगंदर का इलाज कैसे होता है ?
उत्तरः  भगंदर का इलाज अक्सर सर्जरी द्वारा किया जाता है, जिसमें फिस्टुला को हटाया जाता है। अन्य उपायों में केमिकल फिस्टुलोटॉमी, आयुर्वेदिक उपचार, और आधुनिक तकनीकी उपचार शामिल हो सकते हैं।


प्रश्नः भगंदर से बचाव के लिए क्या करें  ?
उत्तरः  गदर से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, सही हाइजीन के पालन, उचित दवाओं का सही उपयोग, और डॉक्टर के निर्देशानुसार उपचार करना महत्वपूर्ण है।
 

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